Tuesday, September 6, 2022

…हसरतें मुकम्मल!

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तुम तो मेरी हसरतों के दायरों का हासिल-ए-मुकम्मल हो,
मैं तुम्हारी हसरतों के दायरों मे आऊँ तो ज़िंदगी मुकम्मल हो!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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