Thursday, March 30, 2017

...शाम तमाम!

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सुबह होती है,
शाम होती है,
ज़िंदगी यूँ ही बेवजह,
तमाम होती है!
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Tuesday, March 28, 2017

...याद आमादा!

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ना भरूँ ग़ुलामी से तो कैसे भरूँ यह खला,
जो रह रह कर तेरी याद से भरने को  आमादा है!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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