Sunday, November 13, 2022

…मोहलत थोड़ी!

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कभी तुझसे भी हुई होगी अदावत थोड़ी सी,
वही रहम ज़ेहन कर दे, दे राहत थोड़ी सी,
हो रही है अब वक़्त से शिकायत थोड़ी सी,
वो मुसलसल गुज़रे जा रहा है,
और हम कहे की दे दे मोहलत थोड़ी सी!
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Sunday, September 18, 2022

…किताब आये!

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क्या क्या सम्भाले क्या क्या रूबाब हिसाब आये,
जब वह शबाब आये ना काम कोई किताब आये!
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Tuesday, September 6, 2022

…हसरतें मुकम्मल!

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तुम तो मेरी हसरतों के दायरों का हासिल-ए-मुकम्मल हो,
मैं तुम्हारी हसरतों के दायरों मे आऊँ तो ज़िंदगी मुकम्मल हो!
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…गुलशन चौतरफ़ा!

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हम यूँ ही ख़ामख़ा खपे जा रहे हैं,
वो अनजान बेपरवाह हुए जा रहे हैं,
सिंचता हूँ क्यारी मैं इकतरफ़ा,
वो रोंदते है गुलशन चौतरफ़ा!
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Saturday, June 25, 2022

…आग़ोश हवा!

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वो मुझसे अनजान बेख़बर जा रहे हैं,

हम ख़ामोश बेहोश से जिये जा रहे है,

जी चाहे उनको जी भर यूँ गले लगा लूँ,

मेरे सब आग़ोश यूँ हवाओं मे जा रहे है!

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Thursday, May 26, 2022

…ज़िंदगी गँवायी!

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मेरे साथ रह कर भी ऐसे हो जैसे हम कभी मिले नहीं,

दूर रह कर भी ऐसे हो जैसे हम कभी जुदा नहीं,

मेरी हर एक साँस की आस हो तुम,

जुदा कहाँ! यही कहीं मेरे आस पास हो तुम,

इससे बेहतर था की जुदा होते ही मर जाते,

वैसे भी तेरे बिन हम सिर्फ़ मरे जिये,

तू गयी सही, गयी,

ज़िंदगी फ़िर कभी ना हुई नयी,

हर मुक़ाम पर शिकस्त पायी,

तुझको पाने की चाह मे ज़िंदगी गँवायी!

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26/05/2011

Tuesday, May 17, 2022

…तीन सवाल!

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तीन सवाल इस जंगल के,
किसने किसको कब क़त्ल किया,
तीन जवाब इस जंगल के,
सबने सबको हर वक़्त किया!
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Saturday, May 7, 2022

…सुगबुगाहटें!

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इन जद्दोजहद और चिड़चिड़ाहटों के बीच,

सुगबुगाहटें हैं तेरे प्यार की!

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Tuesday, March 22, 2022

…संग मलंग

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उसके हज़ार रंग मे,

एक रंग बेरंग भी है,

उसके हज़ार संग मे,

एक संग मलंग भी है!

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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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