Tuesday, December 6, 2016

...राज़-ए-ताज!

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दस्तूर-ए-ज़िंदगी का राज़ यही है,
चला गया उसका ही ताज़ सही है!
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...मगरूर रहे!

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पास हो कर भी सभी दूर रहे,
कभी ख़फ़ा, कभी मगरूर रहे!
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Tuesday, August 9, 2016

...हरियाली कहाँ!

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सुर्ख़ हुई ज़िंदगी सिर्फ़ लाली यहाँ,
पैराहन के अलावा हरियाली कहाँ!
~ ~ ~
Sanguine life only red here is seen,
Apart from the robe what's green!
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Saturday, August 6, 2016

... उधड़े हुए!

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अब के कहता हुँ तो कुछ सुन पाता नहीं,
सुनता हूँ तो कुछ समझ पाता नहीं,
यूँ उलझती जा रही है ज़िंदगी,
जैसे ऊन किसी उधड़े हुए के सिलने को हो,
कभी सुलझती सी लगती है भला पर फिर उलझ जाती है,
जैसे सकूँ किसी बिछड़े हुए के मिलने को हो!
~ ~ ~
§

Saturday, July 30, 2016

...शाम हो!

~ ~ ~
काश ज़िन्दगी यूँ तमाम हो,
तेरे पहलू मे सुबह,
तेरे आग़ोश मे शाम हो!
~ ~ ~
Wish life goes this way,
Dawn in ur arms,
Your embrace ends my day!
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Monday, July 18, 2016

...सज़ा-ए-बेक़सूर!

~ ~ ~ 
है अगर उसको चाहना गुनाह,
'या रब' मुझे मंज़ूर है,
वैसे भी ज़िन्दगी सज़ा-ए-बेक़सूर है!
~ ~ ~
§

troubled translation :)
~ ~ ~
if loving her is a sin,
Oh God! I agree,
Innocent life anyway is not free.
~ ~ ~
§

...सज़ा-ए-बेक़सूर!

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है अगर उसको चाहना गुनाह,
'या रब' मुझे मंज़ूर है,
वैसे भी ज़िन्दगी सज़ा--बेक़सूर है!
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§

troubled translation :)

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if loving her is a sin,
Oh God! I agree,
Innocent life anyway is not free.
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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