Tuesday, July 17, 2018

...शबाब बेहिसाब...beauty profound!

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बस यूँ ही तेरा ख़याल बेहिसाब आया,
जब डूबते हुए सूरज पर शबाब आया!
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Then thought of you ascends unbound,
When Sun descends in beauty profound.
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Thursday, July 12, 2018

...अबशार बरसा!

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कुछ तो कमी रही होगी तेरी प्यास में,
कुछ तो कमी रही होगी तेरे एहसास में,
प्यासा हूँ पर प्यास बुझाने तरसा हूँ मैं,
बरसों से अबशार बन के बरसा हूँ मैं!
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...सब्र गुलिस्ताँ !

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कुछ क़दम ग़मों के आगे चलो तो पता चले,
चट्टानो पहाड़ों के आगे ही हमारा हौसला है,
कुछ क़दम गुलों के आगे चलो तो पता चले,
सब्र गुलिस्ताँ के आगे ही हमारा घोंसला है!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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