Tuesday, November 30, 2021

…मेरे सिरहाने!

 ~ ~ ~

वो मेरे सिरहाने बैठ कर कुछ बातें बताती है,

कुछ बातें चलती रहती हैं और रात सो जाती है,

मैं उसके जानो पर सर रखे कुछ बातें सुनता हूँ,

कुछ बातें चलती रहती है और बेचैनी खो जाती है!

~ ~ ~

§

Wednesday, September 29, 2021

…शुरू हो!

~ ~ ~
दिन-ए-बर्बाद से शाम-ए-आबाद का सिलसिला शुरू हो,
कुछ ज़िक्र तो करो की फ़िक्र का सिलसिला शुरू हो!
~ ~ ~
§

Tuesday, September 21, 2021

…walk out!

~ ~ ~
I have seen love walk in,
I have seen love walk out,
I have seen myself whispering,
I have seen myself shout,
I have seen life trying hard,
I have seen destiny throwing its clout,
I have seen love walk out!
~ ~ ~
§
September 21, 2012

Thursday, August 12, 2021

…बे-ख़याल!

~ ~ ~

है अब ज़िंदगी हमारी कुछ बे-ख़याल ऐसी भी,

जिसके ख़याल को जीते है उसी को ख़याल नहीं!

~ ~ ~

§

Friday, August 6, 2021

…सिपहसालार घुड़सवार!

 ~ ~ ~ 

वो सिपहसालार ओ घुड़सवारों की तस्वीरें, 

वो जुस्तजू ए जंग, हथियारों की तक़दीरें! 

~ ~ ~ 

§ 





Wednesday, August 4, 2021

…फीकी तरकारी!

~ ~ ~ 
कोई मिर्ची-मसाला नहीं, 
क्या बेरंग फीकी आलू तरकारी है,  
कोई तरक़्क़ी-इज़ाफ़ा नहीं,  
क्या तुम्हारी नौकरी भी सरकारी है!  
~ ~ ~  
§  

Sunday, August 1, 2021

…पढ़ते भी?

~ ~ ~
जिन के लिए जीता हूँ मैं शायद वो समझते भी होंगे,
जिन के लिए लिखता हूँ मैं शायद वो पढ़ते भी होंगे!
~ ~ ~
§
21st July 2011

Saturday, July 3, 2021

…ख़ुशगवार किताब!

~ ~ ~
ना अच्छे बुरे वक्त का हिसाब बताओ,
जिसे पढ़ के झूठा ही सही, खुश हो सकूँ,
कोई तो ऐसी ख़ुशगवार किताब बताओ,
वरना हर तरफ़ इल्म ओ दीन की बातें है,
यह भला, वो बुरा, यह सही, वो ग़लत,
ऐसी भी भला कोई मनमर्ज़ी से दुनिया है,
अब बस नसीहतें ना ख़राब बताओ!
रहने दो यह सब,
तुम बस ख़ुशगवार किताब बताओ!
~ ~ ~
§

Thursday, May 20, 2021

…the mighty and the master in the end!

...and then the master told the mighty, " in the end you will be there where you ought to be" ...
20th May 2011

Tuesday, May 18, 2021

…शायरी नहीं!

~ ~ ~
गर अधूरी लगती है,
तो अधूरी ही सही,
ज़िंदगी ही तो है,
कोई शायरी तो नहीं!
~ ~ ~
§

…मंजर ए मसान!

~ ~ ~
जो मेरी काँपती आवाज़ की घबराहटें समझ पाते,
वो रिसती हुई ज़िंदगी की आहटें समझ जाते,
कब तलक यह मंजर-ए-मसान रहेगा,
कब तलक दिखेंगे यह सन्नाटे समझ पाते!
~ ~ ~
§

Wednesday, May 12, 2021

…डूबी रोशनी!

~ ~ ~
चाँद भी जैसे चाशनी मे डूबा है,
‘या रब’ वो तेरे प्यार की रोशनी मे डूबा है,
चाँदनी भी जैसे मौसिक़ी मे डूबी है,
रोशनी भी जो तेरी आशिक़ी मे डूबी है!
~ ~ ~
12th May 2015

Tuesday, May 11, 2021

…कड़वा झगड़ा!

~ ~ ~
नहीं करते बात मुझसे की बहुत कड़वा बोलता हूँ मैं,
नहीं रहते साथ मेरे की बहुत झगड़ा करता हूँ मैं,
एक बार बोल के तो देखो की बिन तुम्हारे अपने ज़हर मे घुल रहा हूँ मैं,
एक बार आ कर तो देखो की बिन तुम्हारे अपने से झगड़ कर मर रहा हूँ मैं।
~ ~ ~
§
11th May 2012

…ऐ ज़िंदगी!

~ ~ ~
तुझे समझने की कोशिशें हज़ार करता हूँ,
मैं जानता हूँ मेरे यार मैं यह बेकार करता हूँ,
करना चाहूँ पर ना कुछ आर-पार करता हूँ,
किनारे बैठा मैं तुझको बीच मझदार करता हूँ,
झगड़ता हूँ तुझसे हाथ दो-चार करता हूँ,
जाने क्या चाहता हूँ जो तेरे तोहफ़ों को यूँ कर इनकार करता हूँ,
जानता हूँ तू सिर्फ़ आज है फिर क्यूँ कल की बातें यार करता हूँ,
तुझे नगद जीना है फिर भी उधार करता हूँ,
करती रह जो कारोबार तू चाहे,
कोई कलाकारी या व्यापार तू चाहे,
मुझे बहा ले जाने के बहाने तेरा ऐतबार करता हूँ,
ना समझूँ तो भी तो मेरी ही तो है,
ऐ ज़िंदगी तुझे मैं प्यार करता हूँ।
~ ~ ~
§
11th May 2012

Monday, May 10, 2021

…going with the flow!

~ ~ ~
Don't ask me where?
Because I really don't know,
I'm just going with the flow,
Don't ask me how?
Because I really can't show,
I'm just going with the flow,
Don't ask me what?
Because it's really love's glow,
I'm just going with the flow,
Yes, going with the flow,
It will lead me to you,
This world will also know,
I’m just going with the flow!
~ ~ ~
§
10th May 2011

Wednesday, April 21, 2021

...आख़िर नींद!

~ ~ ~
पहले तो हर बात याद आती है,
इधर उधर मारे मारे फिरे,
सकूँ ढूँढते बेचारे फिरे,
अंधेरी रात मे तारे फिरे,
फिर आख़िर मे ही नींद आती है!
~ ~ ~
§

Thursday, April 15, 2021

...फिर नाम ले!

~~~ 
मोल से ही सही या फिर कुछ दाम ले,
बस तू यूँ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम ले,
हौले से ही सही या फिर सरेआम ले,
बस तू यूँ ज़िन्दगी मेरा फिर नाम ले!
~~~ 
§
15th April 2013

Friday, March 5, 2021

...शक्करपारे!

~ ~ ~
संभलो तो मिलते,
पूराने पन्नों से करारे,
मिश्री से घुलते,
तेरी यादों के शक्करपारे!
~ ~ ~
§

Thursday, March 4, 2021

...खवाहिशों के पार!

~ ~ ~
ख़्वाहिशों के पार भी तो कहीं अरमान होंगे,
गुज़ारिशों के बाद ही तो कहीं महरबान होंगे,
आज लबालब पैमाना साक़ी है,
कभी हम भी तो वीरान होंगे,
आज तोहफ़ा ए मोहब्बत तो दे,
आख़िर एक बार सही,
कभी हम भी तो अनजान होंगे!
~ ~ ~
§

Thursday, February 25, 2021

...पूराने पन्नो!

~ ~ ~
कभी मुझे भी उस पुरानी किताब के पन्नो की तरह पलट देना,
कभी मेरी भी उन धुंधलाई यादों की तरह गुमशुदी की रपट देना,
कभी अनजाने मे ही सही चाहो तो मेरी भी कुछ मुझसे रपट लेना,
कभी फिर जो भुलाना चाहो तो पुराने पन्नो की तरह पलट लेना।
~ ~ ~
§
25/02/2013

...कमी रह गयी!

~ ~ ~
इतनी मुस्कुराहटों के बाद भी कुछ तो आँखों में नमी रह गयी,
इतनी चाहतों के बाद भी कुछ तो प्यार मे कमी रह गयी!
~ ~ ~
§
25/02/2014

Tuesday, February 23, 2021

...love for hire!

~ ~ ~
What are the ways of modern days!
Where are the days of old ways?
Touch base with blackberry,
Touching on the periphery,
Not submerging,
Not diving deep,
Staying on the surface,
Alone we weep,
Mediated by wires,
Numbed senses,
Hypered desires,
Where’s the breathing fire?
Feelings on sale,
Love for hire!
~ ~ ~
§
23/02/12

Saturday, February 20, 2021

...torn pages!

~ ~ ~
Torn pages,
Burnt images,
Staring in oblivion eyes,
Hollow inside,
Thousand silent screams,
Death of desires,
Death of dreams.
~ ~ ~
§
18/2/11

...मज़मा ए इश्क़!

~ ~ ~
तुम मुझे तस्वीरों से भी बेबाक़ ऐसे देखते हो,
कोई मज़मा ए इश्क़ भी पाक जैसे देखते हो!
~ ~ ~
§

Saturday, February 6, 2021

...मुफ़्त बाज़ार!

~ ~ ~
सब कुछ तो यूँ उसको नागवार गुज़रा,
जो यूँ मैं अपनी ही धुन मे सवार गुज़रा,
जोश ए जुनूँ मे सभी हद्दों से पार गुज़रा,
बिकने की ज़िद्द मे मुफ़्त बाज़ार गुज़रा!
~ ~ ~
§

...ode to abode of forgotten flowers!

~ ~ ~
जो कभी अपने ना थे,
उन के बिछड़ने का ग़म क्यूँ है,
माहौल-ए-जश्न है,
फिर भी आँखें नम क्यूँ है,
हसरत थी चाँद की,
अब हसरतों की सरहदें कम क्यूँ है,
अब उनके बिछड़ने का ग़म क्यूँ है!
~ ~ ~
§
6th February, 2017
My photo
~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

Followers