Sunday, April 22, 2018

...बे-पर्दा साज़िश!

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मेरे माज़ी से कह दो मुझसे अब बे-पर्दा रहा नहीं जाता,
वो बारहा आ के मेरे दीदार की ख़्वाहिश ना कर,
मेरे क़ाज़ी से कह दो मुझसे अब बेगुनाह रहा नहीं जाता,
वो बारहा आ के मुझको बरी करने की साज़िश ना कर!
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Tell my past that i can’t live without veil,
Don’t come again wishing for a glance,
Tell my judge that i can’t live without jail,
Don’t come again freeing me by chance!
~ troubled translation :)

Saturday, April 21, 2018

...आतिशें दिल!

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वो एक रोज़ जो ज़ाहिर होना हो, हो ही जाएँगे,
‘या रब’ आतिशें दिल में कब तक छुपाए जाएँगे!
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...बहता पानी!

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तुमको एक बात बतानी है,
यह जो बहता पानी है,
यह बूँद से शुरू,
चट्टानो से गुरु,
आया है सब को छोड़ता हुआ,
झूठ के किनारों को तोड़ता हुआ,
रेत से रिश्ते निभाता हुआ,
जमीं की किश्तें चुकाता हुआ,
जंगलों को सँवारता हुआ,
पत्थरों को तराशता हुआ,
तुम्हारे आँगन में भी बरसा,
तुम्हारी छूअन को भी तरसा,
आख़िर सागर में समाने,
हारे हुओं में आस जगाने,
महफ़िलों से इस मुक़ाम तक पहुँचा हैं,
मुश्किलों से अपने मकान तक पहुँचा हैं,
सुनो!
तुमको एक बात बतानी हैं,
यह जो बहता पानी हैं,
इसकी जीत को नज़रंदाज ना कर,
यह जीता हुआ सरताज है, हाँ कर,
इसको माथे से लगा,
यही जीत की निशानी है,
यह जो बहता पानी हैं!
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(Reply to the people who undermine the achievement of others without knowing the grind they have gone through to be there!)

Thursday, April 19, 2018

...लड़ती अँगड़ाइयाँ!

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ख़ूबसूरत सी झलक है उसकी अँगड़ाइयों में,
मोहब्बत की झलक है उसकी लड़ाइयों में!
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Tuesday, April 17, 2018

...सलीब क़रीब!

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मसीहा को भी सर अपने सलीब उठाना पड़ता है,

उसकी मर्ज़ी को दिल के क़रीब उठाना पड़ता है!

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Wednesday, April 4, 2018

...मेरी मानो!

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मेरी मानो,
उससे बात कर लो,
दिल साफ़ कर लो,
उसकी मानो,
उससे मुलाक़ात कर लो,
मिल, माफ़ कर लो!
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Monday, April 2, 2018

... रातों का क़ायदा!

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कुछ फ़ायदा नहीं इन बातों का,
ख़त्म ख़ामोशी से होती हैं,
कुछ क़ायदा नहीं इन रातों का,
ख़त्म बेहोशी से होती हैं!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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