Saturday, February 24, 2018

...तकल्लुफ़ ए मोहब्बत!

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अजीब है तकल्लुफ़ ए मोहब्बत का रिश्ता उनसे,
ना मैं कुछ कहता हूँ, ना वो कुछ सुनते हैं मुझसे!
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Tuesday, February 20, 2018

...उन्नींदे ग़ालिब!

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उन्नींदे मन मे लफ़्ज़ों का सैलाब आया है,
जुनून मे बक रहा है जाने क्या क्या कुछ,
'या रब' ग़ालिब याद बेहिसाब आया है!
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...तीर-ए-ग़म!

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इतने भी नहीं है तरकश-ए-वक़्त मे तीर-ए-ग़म,
'या रब' क्या शायरी की किताब लिखे हम!
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... शौक़ ए सुख़न!

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ग़म-ए-मोहब्बत से शायरी ज्यदा आसान होती है,
वरना सिर्फ़ शौक़-ए-सुख़न से ज़िंदगी हैरान होती है!
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... शायरी कहाँ!

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शायरी कहाँ,
तुकबंदी की तरकीब है,
इधर तोड़ी, उधर जोड़ी,
नहीं जमी तो और मरोड़ी,
बे-सिर-पैर सी अजीब है!
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...सब चेहरे!

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हटा दिए सब पहरे,
दिखा दिए सब चेहरे,
बातें बेतुकी,
बातें बेतकल्लुफ़ी,
राज गहरे,
ख़्वाब सुनहेरे!
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Monday, February 19, 2018

...लुफ़्त ए मंज़िल!

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कुछ क़दम वो चलें तो रास्ता ए मंज़िल आधा हो जाये,
कुछ क़दम साथ चलें तो लुफ़्त ए मंज़िल ज्यदा हो जाए!
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...शायरी जाये!

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फिर किसी बेवफ़ा से यारी हो जाये,
क़त्ल करे वोह वफ़ा का,
फिर हम से शायरी हो जाये !
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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