Saturday, April 21, 2018

...बहता पानी!

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तुमको एक बात बतानी है,
यह जो बहता पानी है,
यह बूँद से शुरू,
चट्टानो से गुरु,
आया है सब को छोड़ता हुआ,
झूठ के किनारों को तोड़ता हुआ,
रेत से रिश्ते निभाता हुआ,
जमीं की किश्तें चुकाता हुआ,
जंगलों को सँवारता हुआ,
पत्थरों को तराशता हुआ,
तुम्हारे आँगन में भी बरसा,
तुम्हारी छूअन को भी तरसा,
आख़िर सागर में समाने,
हारे हुओं में आस जगाने,
महफ़िलों से इस मुक़ाम तक पहुँचा हैं,
मुश्किलों से अपने मकान तक पहुँचा हैं,
सुनो!
तुमको एक बात बतानी हैं,
यह जो बहता पानी हैं,
इसकी जीत को नज़रंदाज ना कर,
यह जीता हुआ सरताज है, हाँ कर,
इसको माथे से लगा,
यही जीत की निशानी है,
यह जो बहता पानी हैं!
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§
(Reply to the people who undermine the achievement of others without knowing the grind they have gone through to be there!)

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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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