~ ~ ~
मैं एक छलांग मार के सब मुश्किलें लांघ जाऊँगा,
जद्दोजहद भरी ज़िंदगी से यूँ ही तो पार पाउँगा,
एक छलांग जो सब कमियों को पार करा दे,
एक छलांग जो सब नाकामियों को हरा दे,
एक छलांग जो जकड़ी हुई जंजीरों को तोड़ दे,
एक छलांग जो पकड़ी हुई हद्दों को छोड़ दे,
एक छलांग जो सदियों से चले बहाव मोड़ दे,
एक छलांग जो हौसलों के क़द की मिसाल हो,
एक छलांग जो फ़ैसलों से सरहद का विसाल हो,
एक छलांग जो आख़िरी हो के भी ना आख़िरी हो,
एक छलांग जो सभी मुसीबतों पर आ गिरी हो,
मैं एक छलांग मार के ज़मीन से आसमान पे जाऊँगा,
मैं एक छलांग मार के सातों आसमान पाउँगा,
मैं बड़ी शिद्दत से उसी एक छलांग की तैयारी मे लगा हूँ,
मैं बड़ी मुद्दत से उसी एक छलांग की खुमारी मे जगा हूँ!
~ ~ ~
§