'या रब'
~ ~ ~ शेर-ओ-शायरी ~ ~ ~
Sunday, November 13, 2022
…मोहलत थोड़ी!
~ ~ ~
कभी तुझसे भी हुई होगी अदावत थोड़ी सी,
वही रहम ज़ेहन कर दे, दे राहत थोड़ी सी,
हो रही है अब वक़्त से शिकायत थोड़ी सी,
वो मुसलसल गुज़रे जा रहा है,
और हम कहे की दे दे मोहलत थोड़ी सी!
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