Wednesday, June 18, 2025

…या रब, यह सब!

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कैसे लिख लेते हो हालात यूँ ही दिल के,

कैसे कह देते हो हर बात यूँ ही मिल के,

कैसे उन जज़्बातों को हवा देते हो,

कैसे उन मुलाक़ातों को वफ़ा देते हो,

हज़ारों के हर ग़म मे शामिल हो जाते हो,

हज़रतों के करम के क़ाबिल हो जाते हो,

आख़िरी वक्त तक जी जान लगाते हो,

हौसला मुसलसल कहाँ से लाते हो?

कैसे लिख लेते हो ‘या रब’,

शायरी वायरी और यह सब!

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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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