इस सहम को मत समझ की अंजाम हो गया, हिम्मत रख फिर हौसला बाँध, कदम बढ़ा फिर एक नए अंदाज़े सोंच से चल, तू तो यु ही मायूस है, यहाँ हर एक धड़क पे, हर एक सांस पे किस्मत बदलती है।
सिर्फ एक सोंच से अंदाज़े कदम बदलता है, हर एक अंदाज़े कदम से मंज़िल बदलती है, सिर्फ एक नई मंज़िल से रास्ते बदलते है, और हर रास्ते से सोंच बदलती है।
इस सहम को मत समझ की अंजाम हो गया,
ReplyDeleteहिम्मत रख फिर हौसला बाँध,
कदम बढ़ा फिर एक नए अंदाज़े सोंच से चल,
तू तो यु ही मायूस है,
यहाँ
हर एक धड़क पे, हर एक सांस पे किस्मत बदलती है।
सिर्फ एक सोंच से अंदाज़े कदम बदलता है,
हर एक अंदाज़े कदम से मंज़िल बदलती है,
सिर्फ एक नई मंज़िल से रास्ते बदलते है,
और हर रास्ते से सोंच बदलती है।
Wah Banne bhaiya wah!
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