Wednesday, April 21, 2021

...आख़िर नींद!

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पहले तो हर बात याद आती है,
इधर उधर मारे मारे फिरे,
सकूँ ढूँढते बेचारे फिरे,
अंधेरी रात मे तारे फिरे,
फिर आख़िर मे ही नींद आती है!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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