'या रब'
~ ~ ~ शेर-ओ-शायरी ~ ~ ~
Saturday, July 17, 2010
...झुलसता दिल!
~ ~ ~
ना तुम समझी, ना मैं समझा पाया,
ना ज़िंदगी सुलझी, ना मैं सुलझा पाया,
सुलगती रही मोहब्बत, झुलसता रहा दिल,
यह आग ना बुझी, ना मैं बुझा पाया!
~ ~ ~
§
17th June 2010
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
sagaciouslyours
~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~
View my complete profile
Followers
Subscribe
Posts
Atom
Posts
All Comments
Atom
All Comments