~ ~ ~ शेर-ओ-शायरी ~ ~ ~
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एक ज़ीस्त-ए-रहम जीना,
और भरम का बढ़ते जाना,
एक इबादत मे सर झुकाना,
और करम का बढ़ते जाना!
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ज़ीस्त: existence
भरम: trust
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