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कभी किसी दिन अपने को भी तेरी आँखों से देखूँगा,
जैसे तुम इन नाकामयाबियों में कामयाब होने की चमक देख लेती हो,
जैसे तुम इन तनहाइयों में साथ होने की ललक देख लेती हो,
कभी किसी दिन तुमको भी अपनी आँखों से दिखलाऊँगा,
कैसे तुम हर चीज़ मे ख़ुशी की झलक देख लेती हो,
जैसे तुम ख़ामोश परिंदों की भी चहक देख लेती हो!
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