Thursday, September 27, 2018

...चरते घास!

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जिन से कुछ इंक़लाब की आस है,
वो भी वज़ीर बनके राजा के पास है,
जिन से उम्मीद थी की करेंगे ख़ास है,
वो भी गधे निकले, चरते सिर्फ़ घास है!
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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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