Friday, July 17, 2020

...बेपरवाह इंतेज़ार!

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मुसलसल देखती रहती, मुद्दत से नहीं सोई,
ऐसे भी भला बेपरवाह इंतेज़ार करे है कोई!
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§

1 comment:

  1. पथ्थर यूही नही हूई वो आंखे,
    करते करे इन्तज़ार,
    सबब कुछ वो भी रहा होगा यार,
    वो जो कश्मकाह थी बिचड्ने मे उनसे,
    फिर अखरी बार।

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~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

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