Wednesday, July 22, 2020

...परत सुलझती!

~ ~ ~
परत दर परत रेत उड़ती रही,
तूफ़ान भी जैसे सब थम गया,
रेशा दर रेशा वो सुलझती गयी,
मुस्कान भी जैसे सब ग़म गया!
~ ~ ~
§

1 comment:

My photo
~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~

Followers