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ना दिन से दिन है ना रातों सी रातें,
सुलगते हुए अंगारे से दिन तेरे बिन,
भटकते हुए बंजारे सी रात तेरे बिन,
चाँद भी बिना चाँदनी सा,
गुलाब भी बिना चाशनी सा,
ना सुबह सी सुबह है ना शामों सी शामें,
ख़ामोश हवा भी है, तुझे कुछ पता भी है,
ना हँसी सी हँसी ना बातों सी बातें!
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