'या रब'
~ ~ ~ शेर-ओ-शायरी ~ ~ ~
Thursday, April 20, 2017
...आस्तीनो के साँप!
~ ~ ~
क्यूँ मुझे घूरते है आस्तीनो के साँप,
डँसते नहीं,
क्या मेरे बदहालात को लेते है भाँप,
तहज़ीब वाले लगते है,
कहीं लखनवी तो नहीं,
कहते हैं,
पहले आप, पहले आप!
~ ~ ~
§
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
sagaciouslyours
~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~
View my complete profile
Followers
Subscribe
Posts
Atom
Posts
Comments
Atom
Comments
No comments:
Post a Comment