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वो मेरे सिरहाने बैठ कर कुछ बातें बताती है,
कुछ बातें चलती रहती हैं और रात सो जाती है,
मैं उसके जानो पर सर रखे कुछ बातें सुनता हूँ,
कुछ बातें चलती रहती है और बेचैनी खो जाती है!
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वो मेरे सिरहाने बैठ कर कुछ बातें बताती है,
कुछ बातें चलती रहती हैं और रात सो जाती है,
मैं उसके जानो पर सर रखे कुछ बातें सुनता हूँ,
कुछ बातें चलती रहती है और बेचैनी खो जाती है!
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है अब ज़िंदगी हमारी कुछ बे-ख़याल ऐसी भी,
जिसके ख़याल को जीते है उसी को ख़याल नहीं!
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